दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
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शनिवार, 21 अगस्त 2021
हाइकु
हाइकु * जो जमाये हो धरती पर पैर उसी की खैर। * भू पर पैर हाथ में आसमान कोई न गैर। * गह ले थाह तब नदी में कूद जी भर तैर * सब अपने हैं प्रभु की सृष्टि में पाल न बैर * भुला चिंता नित्य सबेरे-शाम कर ले सैर २१-८-२०१६ *
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