दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
गुरुवार, 27 मई 2021
मुक्तक
मुक्तक: संजीव * भाषण देते उपन्यास सा, है प्रयास लघुकथा हमारा आश्वासन वह महाकाव्य है, जिसे लिखा बिन पढ़े बिसारा मत देकर मत करो अपेक्षा, नेताजी कुछ काम करेंगे- भूल न करते मतदाता को चेहरा दिखलायें दोबारा * २७-५-२०१५
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