दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
गुरुवार, 1 अप्रैल 2021
दोहा सलिला
दोहा सलिला बौरा-गौरा को नमन, करता बौरा आम. खास बन सके, आम हर, हे हरि-उमा प्रणाम.. * देख रहा चलभाष पर, कल की झलकी आज. नन्हा पग सपने बड़े, कल हो इसका राज..
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