दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
शुक्रवार, 9 अप्रैल 2021
दोहा
भोजपुरी दोहा: खेत हुई रहा खेत क्यों, 'सलिल' सून खलिहान. सुन सिसकी चौपाल के, पनघट के पहचान. * हिंदी दोहा उषा संग छिप झाँकता, भास्कर रवि दिन-नाथ. गाल लाल हैं लाज से, झुका न कोई माथ. *
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