दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
शनिवार, 10 अप्रैल 2021
हिंदी गज़ल छंद : हरिगीतिका
हिंदी गज़ल छंद : हरिगीतिका मापनी : ११२१२ बह्र : मुतफाइलुं * जब भी मिलो खुश हो खिलो हम भी चलें तुम भी चलो जब भोर हो उगती चलो जब साँझ हो ढलती चलो छवि नैन में छिपती चलो मत मौन हो कहती चलो * संजीव १०-४-२०२० ९४२५१८३२४४
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