दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
गुरुवार, 29 अप्रैल 2021
मुक्तक
मुक्तक: * जो हमसे दूर रहते हैं वही तो पास होते हैं। नहीं जो चाहते कुछ भी, वही तो खास होते हैं।। करें दावा निकटता का, जो केवल काम पड़ने पर- 'सलिल' सच ऐसे नाते ही सदा संत्रास होते हैं।।
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