दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
बुधवार, 16 दिसंबर 2020
हाइकु
एक हाइकु- बहा पसीना चमक उठी देह जैसे नगीना। * त्वरित कविता * दागी है कुलदीप, बुझा दो श्रीराधे आगी झट से उसे लगा दो श्रीराधे रक्षा करिए कलियों की माँ काँटों से माँगी मन्नत शांति दिला दो श्रीराधे * संजीव ९४२५१८३२४४ १६-१२-२०१९
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