दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
शनिवार, 21 नवंबर 2020
मुक्तिका
मुक्तिका . लोग हों सब साथ हाथ में हों हाथ . छोड़ दें हम फ़िक्र साध लें आ नाथ . रखो पैर सम्हाल झुक न जाए माथ . लक्ष्य पाते पैर सहायक हो पाथ . फूल बनते माल डोर ले यदि गूँथ *
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