दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
मंगलवार, 24 नवंबर 2020
मुक्तिका
संजीव * देख जंगल कहाँ मंगल? हर तरफ है सिर्फ दंगल याद आते बहुत हंगल स्नेह पर हो बाँध नंगल भू मिटाकर चलो मंगल ***
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