मनरंजन भोजपुरी बोली का वैशिष्ट्य एक शब्द सारे मायने बदल देता है- के मारी? केके मारी? के केके मारी? केके केके मारी? के केके केके मारी? केके केके के के मारी? १७-९-२०१७
दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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