दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
बुधवार, 5 अगस्त 2020
मुक्तक
मुक्तक * आए थे हम अकेले और अकेले जाएँगे। बीच राह में यारियाँ कर कुछ उन्हें निभाएँगे।। वादे-कसमें, प्यार-वफ़ा, नातों का क्या बन-टूटें गले लगाया है कुछ ने, कुछ को गले लगाएँगे।। *
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