दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
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शुक्रवार, 17 मई 2019
मुक्तक
मुक्तक दाग न दामन पर लगा तो बोल सियासत ख़ाक करी है तीन अंगुलिया उठतीं खुद पर एक किसी पर अगर धरी है ** १६-५-२०१५
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