दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
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गुरुवार, 7 फ़रवरी 2019
चित्र पर रचना
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दोहे 'नभ में घूमे मेघ बन, बरसे भू को सींच पत्ती, कलियों, पुष्प को, ले बाँहों में भींच * पौधे-वृक्ष हरे रहें, प्यास बुझाएँ जीव 'सलिल' धन्य हो कर सके, सकल सृष्टि संजीव ***
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