दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
गुरुवार, 4 अक्टूबर 2018
कार्यशाला
कार्यशाला- दोहा / रोला / कुण्डलिया
रोगों से बचना अगर, पैदल चलिए रोज । मन में रहे प्रसन्नता, तन में रहता ओज ।। -कैलाश गिरि गोस्वामी
तन में रहता ओज, समय पर खाएँ भोजन। करें शयन से पूर्व, ईश-महिमा का गायन।। बस संयम-'कैलाश', बचे रहिए रोगों से। बनें जीव 'संजीव' रहिए रोगों से भोगों से।। -संजीव 'सलिल'
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