दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
शुक्रवार, 27 जुलाई 2018
ek doha
एक दोहा: रह प्रशांत रच छंद तो, शुभ प्रभात हो आप गौरैया कलरव करे, नाद सके जग व्याप ***
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें