दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
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शुक्रवार, 1 सितंबर 2017
द्विपदी बीर छंद
द्विपदी * भूल भुलाई, भूल न भूली, भूलभुलैयां भूली भूल. भुला न भूले भूली भूलें, भूल न भूली भाती भूल. * यह द्विपदी अश्वावातारी जातीय बीर छंद में है.
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