कल से नयी पारी आरम्भ हो गई-शासकीय कला निकेतन पोलीटेक निक में पदार्थ तकनीकी मटीरियल टैकनालाजी पढाना आरम्भ कर दिया.
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बाबा राम रहीम को,
गोली मारो यार.
सीख-सिखाये कुछ नया,
स्वप्न करें साकार.
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सु मन रहे तो ही गहे,
श्री वास्तव मे आप.
सुमन सुरभि सम कीर्ति-यश,
जाए जग में व्याप.
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सिंधु-सायना ने किया,
असामान्य संघर्ष.
महिला जीवट को मिला,
एक और उत्कर्ष.
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सीमा से संदेश है,
रहिये सदा सतर्क.
शान्ति शक्ति से ही रहे,
करें न व्यर्थ कुतर्क.
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नन्हा दीपक भी सके,
विपुल अन्धेरा लील.
न्यायिक देरी को कफ़न,
मिले ठोंक दें कील.
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अवध शरण अवधेश को,
देकर है न प्रसन्न.
रामालय में राज्य हो,
रहे न कोई विपन्न.
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सुषमा तभी स्वराज की,
जब प्रभु हो हर आम.
सेवक प्रथम नरेंद्र हो,
काम करे निष्काम.
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दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
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