दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु
A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.
शनिवार, 24 अक्टूबर 2015
jigyasa
हमारा धर्म जिज्ञासा- १.
१. लघुकथा में वर्णित क्षण की पृष्भूमि और कारण का वर्णन हो या न हो?
२. वर्णन हो तो कितना और क्यों?
३. क्या वर्णन देकर पाठक के कल्पना-संसार को दिशा देना या सीमित करना उचित है?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें