चित्र पर कविता:
संजीव
*

चित्र: सुमन कपूर
मेघदूत संदेश ले, आये भू के द्वार
स्नेह-रश्मि पा सु-मन हँस, उमड़े बन जल-धार
*
पल्लव झूमे गले मिल, कभी करें तकरार
कभी गले मिलकर 'सलिल', करें मान मनुहार
*
आदम दुबका नीड़ में, हुआ प्रकृति से दूर
वर्षा-मंगल भूलकर, कोसे प्रभु को सूर
*
संजीव
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चित्र: सुमन कपूर
मेघदूत संदेश ले, आये भू के द्वार
स्नेह-रश्मि पा सु-मन हँस, उमड़े बन जल-धार
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पल्लव झूमे गले मिल, कभी करें तकरार
कभी गले मिलकर 'सलिल', करें मान मनुहार
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आदम दुबका नीड़ में, हुआ प्रकृति से दूर
वर्षा-मंगल भूलकर, कोसे प्रभु को सूर
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