शनिवार, 10 मई 2014

rachna-prati rachna - rakesh khandelwal - sanjiv

रचना - प्रति रचना :
राकेश खंडेलवाल - संजीव
*
 करू श्री से कामना दे दें नया प्रकाश
चाहत जीवन में मिले, सहज सुखद आनन्द
सलिल बूँद से तृप्त मन करना दीनानाथ
कुसुमित हो ममतामयी, बरसायें नव वृंद
 
प्रणव करूँ करबद्ध मैं अचल ओम महिपाल
सम्मुख रखूँ सुरेन्द्र को, रक्षा करें महेश
शार्दूल विचरण करूँ निर्भय काव्य अरण्य
गौतम के अभिज्ञान से बिसरायें सब क्लेश
 
शतदल कमलों से बने नित्य विजय का हार
खलिश मिटायें ह्रदय से हर पल परमानन्द
सुरभित हो बहती रहे मलय काव्य की नित्य
सराबोर करते रहें नित संजीवित छन्द.
 
सादर शुभकामनाओं सहित
 
राकेश
*
मातु शारदा दीजिये, सुत को नित आशीष
कथ्य भाव भाषा सरस, छंद बिम्ब दें ईश
शैली शीतल छाँव सी, अलंकार शालीन
गद्य-पद्य पढ़ किसी का, आनन हो न मलीन
सँग अनूप राकेश के, शार्दूला सा काव्य
हो अमिताभ सुरेन्द्र सा, कहे अकह संभाव्य

प्रणव नाद सुन मन कमल, पाये अचल प्रकाश
शब्द-कुसुम अर्पित करूँ, हे महेश हर पाश
ओम व्योम महिपाल श्री, गौतम खलिश प्रवीण
मोहन ममता किरण की, कृपा नहीं हो क्षीण
तंज़-रंज से परे रह, दे  कविता आनंद
'सलिल' लीन हो अगम में, रचते-गाते  छंद
*
 

9 टिप्‍पणियां:

  1. Surender Bhutani ekavita



    दो महारथियों ने अपने ज्ञान और विवेक का सुंदर परिचय दिया है
    शत शत प्रणाम

    सूर सुर तुलसी शशि.....


    किस को सूर मन जाये या किस को तुलसी
    ये आप गुणीजनों ही जानें

    सादर,
    सुरेन्द्र

    जवाब देंहटाएं
  2. anand pathak akpathak317@yahoo.co.in द्वारा yahoogroups.com

    Sir ji

    देखने में अगरचे ज़र्रे हैं
    वाक़ई आफ़ताब हैं दोनो


    आनन्द पाठक,जयपुर
    my blog for GEET-GAZAL-GEETIKA http://akpathak3107.blogspot.com

    my blog for HINDI SATIREs(Vyang)http://akpathak317.blogspot.com my blog for URDU SE HINDI http://urdu-se-hindi.blogspot.com(Mb) 094133 95592

    Email akpathak3107@gmail.com

    जवाब देंहटाएं
  3. anand pathak akpathak317@yahoo.co.in द्वारा yahoogroups.com

    आ0
    आनन को याद करने का बहुत बहुत धन्यवाद
    सादर

    आनन्द पाठक,जयपुर
    my blog for GEET-GAZAL-GEETIKA http://akpathak3107.blogspot.com

    my blog for HINDI SATIREs(Vyang)http://akpathak317.blogspot.com my blog for URDU SE HINDI http://urdu-se-hindi.blogspot.com(Mb) 094133 95592

    Email akpathak3107@gmail.com

    जवाब देंहटाएं
  4. मंजु महिमा द्वारा yahoogroups.com

    ekavita


    नहले पे दहला धरे,दोनों ही कविराय,
    मंजु महिमा को दियो काहे बिसराय |???


    शुभेच्छु
    मंजु
    'तुलसी क्यारे सी हिन्दी को,
    हर आँगन में रोपना है.
    यह वह पौधा है जिसे हमें,
    नई पीढ़ी को सौंपना है. '
    ---मंजु महिमा
    यदि आप हिन्दी में ज़वाब देना चाहते हैं तो हिन्दी में लिखने के लिए एक आसान तरीका , कृपया इस लिंक की सहायता लें
    http://www.google.com/transliterate/indic

    सम्पर्क-+91 9925220177

    जवाब देंहटाएं
  5. anand pathak akpathak317@yahoo.co.in द्वारा yahoogroups.com

    sir ji
    अगर आनन्द माने ’आनन्द’ है तो इस हक़ीर फ़क़ीर को याद करने का बहुत बहुत शुक्रिया
    सादर

    आनन्द पाठक,जयपुर
    my blog for GEET-GAZAL-GEETIKA http://akpathak3107.blogspot.com

    my blog for HINDI SATIREs(Vyang)http://akpathak317.blogspot.com my blog for URDU SE HINDI http://urdu-se-hindi.blogspot.com(Mb) 094133 95592

    Email akpathak3107@gmail.com

    जवाब देंहटाएं
  6. om mishra mishra.o@gmail.com द्वारा yahoogroups.com

    29 अप्रै (11 दिन पहले)

    ekavita


    Rakesh Ji and Salil Ji,

    Wonderfully crafted and created poems. May your poetic streams be alive and running for ever.

    I remember the following lines that might be most appropriate for you both.

    "Ban ram rasayan ki rasica rasana rasika ki hui safala,
    Awagahan Manas ka Karke Jan Manas ka mal sara tala,
    Bani pavan bhav ki bhumi b hali,
    hua bhavuk bhavukata ka bhala
    Kavita karke Tulasi na lase, kavita lasi pa Tulasi ki kala.

    The last line most appropriately describes your heightened creativity.

    My ultimate respect to your art.

    Om Mishra

    जवाब देंहटाएं
  7. Kusum Vir द्वारा yahoogroups.com
    ekavita


    अति सुन्दर l
    आदरणीय आचार्य जी एवं राकेश जी,
    आप दोनों की काव्य प्रतिभा को नमन l
    सादर,
    कुसुम

    जवाब देंहटाएं
  8. Pranava Bharti द्वारा yahoogroups.com

    ekavita


    प्रणव धन्य हुई मान्यवर जो कर लीन्हा याद,
    वरना तो इस युग में उससे कौन करे सँवाद?
    दोनों पर शारद कॄपा सदा रहे आनँद ,
    हो उमंग हर पल रहे खुशियों का मकरंद !!
    सादर
    प्रणव

    जवाब देंहटाएं
  9. भूल-चूक करिए क्षमा, महिमामयी महान
    भट - नागर औदार्य के, स्वयंसिद्ध प्रतिमान

    जवाब देंहटाएं