शनिवार, 25 मई 2013

angika doha muktika acharya sanjiv verma 'salil'

अंगिका दोहा मुक्तिका
संजीव
*
काल बुलैले केकर, होतै कौन हलाल?
मौन अराधें दैव कै, एतै प्रातःकाल..
*
मौज मनैतै रात-दिन, हो लै की कंगाल.
संग न आवै छाँह भी, आगे कौन हवाल?
*
एक-एक कै खींचतै, बाल- पकड़ लै खाल.
नींन नै आवै रात भर, पलकें करैं सवाल..
*
कौन हमर रच्छा करै, मन में 'सलिल' मलाल.
केकरा से बिनती करभ, सब्भै हवै दलाल..
*
धूल झौंक दैं आँख में, कज्जर लेंय निकाल.
जनहित कै  नाक रचैं, नेता निगलैं माल..
*
मत शंका कै नजर सें, देख न मचा बवाल.
गुप-चुप हींसा बाँट लै, 'सलिल' बजा नैं गाल..
*
ओकर कोय जवाब नै, जेकर सही सवाल.
लै-दै कै मूँ बंद कर, ठंडा होय उबाल..
===
टीप: अंगिका से अधिक परिचय न होने प् भी प्रयास किया है. जानकार बंधु त्रुटि इंगित करें तो सुधार सकूँगा.

24 टिप्‍पणियां:

  1. Kumar Gaurav Ajeetendu

    किननी भाषाएं जानते हैं आप आचार्य। वाह मैं तो आपके भाषाज्ञान पर अभिभूत हूँ। मैं तो बिहार का होकर भी अंगिका नहीं जानता।

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  2. apne desh aur iskee bhashaon ke kinare seepee been raha hoon abhee tak. kash kuchh seekh sakoon.

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  3. बजरंग दल गोपालगंज

    vermaji. . .sounds like bhojpuri

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  4. that's true. angika, bajjika, maithilee, bhojpuri, avadhi and brij have some similarity with each other.

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  5. बजरंग दल गोपालगंज angika speakers r mainly frm araria, madhepura side na?

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  6. but angika is nt yet famous n recognisd like maithil. . .

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  7. Janardan Panday

    first time I am hearing abt angika and bajjika.Nice poem salil jee badhai

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  8. आप ठीक कह रहे हैं अंगिका अन्य बोलोयों की तरह प्रसिद्ध नहीं है. यदि बार-बार बहुत से लोग उपयोग करें तो उन्नति करेगी. अंग्रेजी के मोहा में पढ़ा-लिखा वर्ग पुराणी बोलियों को भूल रहा है.

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  9. yah to hindi se milti-julti hai. kis pankti ka arth samajh men naheen aya kahen to btla doon .

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  10. बजरंग दल गोपालगंजशनिवार, मई 25, 2013 7:30:00 pm

    बजरंग दल गोपालगंज sanjiv ji ad me. .mai thoda prayas karunga angika k liye. . .pakka!

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  11. avashya. bihar sarkar yadi anudaan de to angika aur bhojpuri men poore desh ke rachnakaron se likhwa kar rashtreey kavitaon ka sangrah nikalva kar sabhee vidyalayon men rakha jae.

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  12. Kishor Agrawal
    Maine pahli bar chkhi hai, achchhi cheej hai

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  13. apko pasand aaee to mera shram sarthak huaa. aagee aur bhee boliyon men rachnayen dene ka prayas hoga.

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  14. Kusum Vir via yahoogroups.com

    आचार्य जी,
    बहुत ही सामयिक, सटीक, सशक्त और सुन्दर अंगिका दोहा मुक्तिका l
    मन को बहुत ही भाया l
    सादर,
    कुसुम वीर

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  15. Mahesh Dewedy via yahoogroups.com

    Dohe padhne me achhe lage. Angika ka gyan mujhe bhi nahin hai. Badhai.

    Mahesh Chandra Dwivedy

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  16. धन्यवाद. अंगेरजी के बढ़ते दुष्प्रभाव ने युवा पीढ़ी को कई भाषा रूपों से काट दिया है, इससे उनका शब्द-भण्डार, लोकोक्तियाँ, कहावतें आदि नष्ट होने से हिंदी की हनी हो रही है. अतः, उन्हें जितना संभव हो लिखा-पढ़ा जाए तो हिंदी समृद्ध होगी- इस सोच से विविध बोलिऑं में रचना-कर्म का प्रयास है.

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  17. डॉ. सरोज गुप्ता

    धूल झौंक दैं आँख में, कज्जर लेंय निकाल.
    जनहित कै नाक रचैं, नेता निगलैं माल...............................सलिल जी बहुत सटीक .............अभी व्यस्तता बढी हुयी है इ

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  18. Xitija Singh

    har doha shandaar hai sanjiv ji ... sanjha karne ke liye dhanywaad ..

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  19. Santosh Bhauwala via yahoogroups.com

    आदरणीय संजीव जी ,

    आप और आपके दोहों को नमन ,!!
    संतोष भाऊवाला

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  20. Madhu Gupta via yahoogroups.com


    नींन नै आवै रात भर, पलकें करैं सवाल.
    . बहुत सुन्दर स्नाजीव जी , आपकी सराहना करना बेमानी हो जला है आप तो सदैव ही , कुछ अनूठा लिखते है
    मधु

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  21. मधु में सबको सर्वदा, मिलती रही मिठास।
    महज इसलिये क्यों कहें, बेमानी मधुरास।।

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  22. deepti gupta via yahoogroups.com

    वाह ...........वाह................वाह !

    संजीव जी की लेखनी को नमन !

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