मुक्तक:
भारत
संजीव 'सलिल'
हम-आप मेहनती हों, हम एक-नेक हों तो-
भारत नहीं पिटा है, भारत नहीं पिटेगा..
*
तम हरकर प्रकाश पा-देने में जो रत है.
दंडित उद्दंदों को कर, सज्जन हित नत है..
सत-शिव-सुंदर, सत-चित-आनंद जीवन दर्शन-
जिसका है वह देश जगत-प्यारा भारत है..
*
भारत को भाता है जीवन सीधा-सच्चा.
नहीं सुहाता देना या लेना नित गच्चा..
धीर वीर गंभीर रहा नेतृत्व हमारा-
'सलिल' नासमझ समझ रहा है हमको कच्चा..
*
भारत
संजीव 'सलिल'
*
भारत नहीं झुका है, भारत नहीं झुकेगा.
भारत नहीं रुका है, भारत नहीं रुकेगा..हम-आप मेहनती हों, हम एक-नेक हों तो-
भारत नहीं पिटा है, भारत नहीं पिटेगा..
*
तम हरकर प्रकाश पा-देने में जो रत है.
दंडित उद्दंदों को कर, सज्जन हित नत है..
सत-शिव-सुंदर, सत-चित-आनंद जीवन दर्शन-
जिसका है वह देश जगत-प्यारा भारत है..
*
भारत को भाता है जीवन सीधा-सच्चा.
नहीं सुहाता देना या लेना नित गच्चा..
धीर वीर गंभीर रहा नेतृत्व हमारा-
'सलिल' नासमझ समझ रहा है हमको कच्चा..
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tukbandi
जवाब देंहटाएंsorry be-tuki tukbandi
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