एक षटपदी :
संजीव 'सलिल'
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भारत के गुण गाइए, ध्वजा तिरंगी थाम.सब जग पर छा जाइये, बढ़े देख का नाम ..
बढ़े देख का नाम प्रगति का चक्र चलायें.
दंड थाम उद्दंड शत्रु को पथ पढ़ायें..
बलिदानी केसरिया की जयकार करें शत.
हरियाली सुख, शांति श्वेत, मुस्काए भारत..
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- बहुत बढ़िया।
जवाब देंहटाएंachal verma
जवाब देंहटाएंekavita
२३ अप्रैल
एक ओजपूर्ण रचना |पढ़कर बहुत ही अच्छा लगा|
एक जगह टाइपो देखा है पथ जो शायद पाठ होना था |
Your's ,
Achal Verma
२३ अप्रैल
जवाब देंहटाएंआ० आचार्य जी ,
सुन्दर सीख और कामना | साधुवाद !
कमल
बलिदानी केसरिया की जयकार करें शत. हरियाली सुख, शांति श्वेत, मुस्काए भारत..
जवाब देंहटाएंJai Bharat.....