मुक्तिका:
गलत मुहरा
संजीव 'सलिल'
*
सही चहरा.
गलत मुहरा..
सिन्धु उथला,
गगन गहरा..
साधुओं पर
लगा पहरा..
राजनय का
चरित दुहरा..
नर्मदा जल
हहर-घहरा..
हौसलों की
ध्वजा फहरा..
चमन सूखा
हरा सहरा..
ढला सूरज
चढ़ा कुहरा..
पुलिसवाला
मूक-बहरा..
बहे पत्थर
'सलिल' ठहरा ..
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/बहे पत्थर
जवाब देंहटाएं'सलिल' ठहरा/
/चमन सूखा
हरा सहरा/
(गहरे भाव हैं. सुन्दर अभिव्यक्ति.)
/हौसलों की
ध्वजा फहरा/ (क्या यह पंक्ति व्याकरण की दृष्टि से सही है? छात्र का ज्ञान बढ़ाएं.)
बहे पत्थर
जवाब देंहटाएं'सलिल' ठहरा ..
वाह क्या अंदाज है,
धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही है. देखिये:
विजय पताका फहरा.
भारत का झंडा फहरा.
हौसलों की ध्वजा फहरा.