शनिवार, 11 सितंबर 2010

भजन : एकदन्त गजवदन विनायक ..... संजीव 'सलिल'

भजन :

एकदन्त गजवदन विनायक .....

संजीव 'सलिल'
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एकदन्त गजवदन विनायक, वन्दन बारम्बार.
तिमिर हरो प्रभु!, दो उजास शुभ, विनय करो स्वीकार..
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प्रभु गणेश की करो आरती, भक्ति सहित गुण गाओ रे!
रिद्धि-सिद्धि का पूजनकर, जन-जीवन सफल बनाओ रे!...
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प्रभु गणपति हैं विघ्न-विनाशक,
बुद्धिप्रदाता शुभ फलदायक.
कंकर को शंकर कर देते-
वर देते जो जिसके लायक.
भक्ति-शक्ति वर, मुक्ति-युक्ति-पथ-पर पग धर तर जाओ रे!...
प्रभु गणेश की करो आरती, भक्ति सहित गुण गाओ रे!...
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अशुभ-अमंगल तिमिर प्रहारक,
अजर, अमर, अक्षर-उद्धारक.
अचल, अटल, यश अमल-विमल दो-
हे कण-कण के सर्जक-तारक.
भक्ति-भाव से प्रभु-दर्शन कर, जीवन सफल बनाओ रे!
प्रभु गणेश की करो आरती, भक्ति सहित गुण गाओ रे!...
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संयम-शांति-धैर्य के सागर,
गणनायक शुभ-सद्गुण आगर.
दिव्य-दृष्टि, मुद मग्न, गजवदन-
पूज रहे सुर, नर, मुनि, नागर.
सलिल-साधना सफल-सुफल दे, प्रभु से यही मनाओ रे.
प्रभु गणेश की करो आरती, भक्ति सहित गुण गाओ रे!...
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दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम 

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं आपको

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  2. आपको परिवार सहित गणेश चतुर्दशी की शुभकामनाएं !

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  3. जय हो भगवन गणेश की .............

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  4. salil ji pranaam.
    fir bhagwaan ganesh ke charano me shubh wandan.
    bahut hi manbhaawak rachana bhagwaan ke liye kahi hai aapne. bahut achchha laga. sundar shabdo se susajjit,

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  5. डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक (उच्चारण) …बुधवार, सितंबर 15, 2010 8:02:00 am

    विघ्न विनाशक सिद्धि विनायक की जय हो!

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  6. ब्लॉगर राज भाटिय़ा …बुधवार, सितंबर 15, 2010 8:02:00 am

    गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें.

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