अवधी हाइकु सलिला:
संजीव वर्मा 'सलिल'
*
*
सुखा औ दुखा
रहत है भइया
घर मइहाँ.
*
घाम-छांहिक
फूला फुलवारिम
जानी-अंजानी.
*
कवि मनवा
कविता किरनिया
झरझरात.
*
प्रेम फुलवा
ई दुनियां मइहां
महकत है.
*
रंग-बिरंगे
सपनक भित्तर
फुलवा हन.
*
नेह नर्मदा
हे हमार बहिनी
छलछलात.
*
अवधी बोली
गजब के मिठास
मिसरी नाई.
*
अवधी केर
अलग पहचान
हृदयस्पर्शी.
*
बेरोजगारी
बिखरा घर-बार
बिदेस प्रवास.
*
बोली चिरैया
झरत झरनवा
संगीत धारा.
*
Acharya Sanjiv Salil
http://divyanarmada.blogspot.com
संजीव वर्मा 'सलिल'
*
*
सुखा औ दुखा
रहत है भइया
घर मइहाँ.
*
घाम-छांहिक
फूला फुलवारिम
जानी-अंजानी.
*
कवि मनवा
कविता किरनिया
झरझरात.
*
प्रेम फुलवा
ई दुनियां मइहां
महकत है.
*
रंग-बिरंगे
सपनक भित्तर
फुलवा हन.
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नेह नर्मदा
हे हमार बहिनी
छलछलात.
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अवधी बोली
गजब के मिठास
मिसरी नाई.
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अवधी केर
अलग पहचान
हृदयस्पर्शी.
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बेरोजगारी
बिखरा घर-बार
बिदेस प्रवास.
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बोली चिरैया
झरत झरनवा
संगीत धारा.
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Acharya Sanjiv Salil
http://divyanarmada.blogspot.com
रंग-बिरंगे
जवाब देंहटाएंसपनक भित्तर
फुलवा हन.
..............................बहुत बढ़िया। सादर।। अवधि अउर भोजपुरी में बहुते समानता बा....लिखल करीं। सादर धन्यवाद।।
अवधी में सुन्दर हाइकु लिखने हेतु बधाई सलिल जी.
जवाब देंहटाएंमहेश चन्द्र द्विवेदी
अवधी केर
जवाब देंहटाएंअलग पहचान
हृदयस्पर्शी.
--- वाह सलिल जी , क्या गजब प्रस्तुति है !
मेरे लिए तो संग्रहणीय ही ..
मैं तो अवधी में ब्लॉग भी लिखता हूँ ..
आज अवधी में पहली बार हाइकू देख रहा हूँ ..
बड़ी खुशी हुई ..आभार !
अद्भुत! अनिर्वचनीय! अप्रतिम!
जवाब देंहटाएंमेरी जानकारि में अवधी में हाइकु का प्रथम सार्वजनिक प्रयास।
जय हो!