भोजपुरी हाइकु
संजीव वर्मा 'सलिल'
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पावन भूमि
भारत देसवा के
प्रेरण-स्रोत.
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भुला दिहिल
बटोहिया गीत के
हम कृतघ्न.
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देश-उत्थान?
आपन अवदान?
खुद से पूछ.
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अंगरेजी के
गुलामी के जंजीर
साँच साबित.
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सुख के धूप
सँग-सँग मिलल
दुःख के छाँव.
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नेह अबीर
जे के मस्तक पर
वही अमीर.
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अँखिया खोली
हो गइल अंजोर
माथे बिंदिया.
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भोर चिरैया
कानन में मिसरी
घोल गइल.
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काहे उदास?
हिम्मत मत हार
करल प्रयास.
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दिव्यनर्मदा.ब्लॉगस्पोट.कॉम
प्रणाम आ जय भोजपुरी सलिल जी
जवाब देंहटाएंबहुत दिन के बाद लेकिन बेजोड बा राउर ई हाईकु स्टाईल के रचना ..
बेहतरीन , लाजवाब ।
धन्यवाद आ जय भोजपुरी
gajab ke Raura likhale bani .........Bahut kamal ke raura likhila......
जवाब देंहटाएंJai Bhojpuri...............
प्रणाम आ जय भोजपुरी,
जवाब देंहटाएंराउर लेखनी के हम कायल बानी. हमेशा कुछ नया सीखे के मिलेला...