मुक्तिका
.....मुमकिन
संजीव 'सलिल'
*

*
शीश पर अब पाँव मुमकिन.
धूप के घर छाँव मुमकिन..
बस्तियों में बहुत मुश्किल.
जंगलों में ठाँव मुमकिन..
नदी सूखी, घाट तपता.
तोड़ता दम गाँव मुमकिन..
सिखाता उस्ताद कुश्ती.
छिपाकर इक दाँव मुमकिन..
कोई पाहुन है अवैया?
'सलिल' के घर काँव मुमकिन..
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.....मुमकिन
संजीव 'सलिल'
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शीश पर अब पाँव मुमकिन.
धूप के घर छाँव मुमकिन..
बस्तियों में बहुत मुश्किल.
जंगलों में ठाँव मुमकिन..
नदी सूखी, घाट तपता.
तोड़ता दम गाँव मुमकिन..
सिखाता उस्ताद कुश्ती.
छिपाकर इक दाँव मुमकिन..
कोई पाहुन है अवैया?
'सलिल' के घर काँव मुमकिन..
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