मंगलवार, 6 अप्रैल 2010

बाल कविता: मेरी माता! संजीव 'सलिल'

मेरी मैया!, मेरी माता!!
*
किसने मुझको जन्म दिया है?
प्राणों से बढ़ प्यार किया है.
किसकी आँखों का मैं तारा?
किसने पल-पल मुझे जिया है?


मेरी मैया!, मेरी माता!!
*
किसने बरसों दूध पिलाया?
निर्बल से बलवान बनाया.
खुद का वत्स रखा भूखा पर-
मुझको भूखा नहीं सुलाया.


वह गौ माता!, मेरी माता!!
*
किसकी गोदी में मैं खेला?
किसने मेरा सब दुःख झेला?
गिरा-उठाया, लाड़ लड़ाया.
हाथ पकड़ चलना सिखलाया.


भारत माता!, मेरी माता!!
*
किसने मुझको बोल दिये हैं?
जीवन के पट खोल दिये हैं.
किसके बिन मैं रहता गूंगा?
शब्द मुझे अनमोल दिये हैं.


हिंदी माता!, मेरी माता!!
*

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत-बहुत अच्छी कविता और सुन्दर चित्र....."

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  2. किसने मुझको बोल दिये हैं?
    जीवन के पट खोल दिये हैं.
    किसके बिन मैं रहता गूंगा?
    शब्द मुझे अनमोल दिये हैं.


    bilkul sahi

    ek lakh takeki bat kahi aap ne

    shekhar kumawat


    http://kavyawani.blogspot.com/

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  3. बहुत ही भावपूर्ण कविता , आचार्य जी की कलम को नमन.....सीमा सचदेव द्वारा नन्हा मन

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