रविवार, 10 जनवरी 2010

बाल गीत: मनु है प्यारी बिटिया एक --आचार्य संजीव 'सलिल'

बाल गीत:

मनु है प्यारी बिटिया एक

-आचार्य संजीव 'सलिल'
*

मनु है प्यारी बिटिया एक.

सुन्दर-सरल दुलारी नेक.

उससे मिलने चूहा आया.

साथ एक बच्चे को लाया.

मनु ने बढ़कर हाथ बढाया.

नए दोस्त को गले लगाया.

दोनों मिलकर खेलें खेल.

कभी न बिगडे उनका मेल.

रखें खिलौने सदा सम्हाल.

मम्मी करें न कोई बवाल.

मनु नीलम मिल झूला झूल.

गयीं फ़िक्र दुनिया की भूल.

'सलिल' साथ मन घूमे दुनिया,

देखे कैसी भूल-भुलैया.

हँसी-ठहाके खूब लगायें.

पढ़-लिख कर मनु पहला आये.

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Acharya Sanjiv Salil

http://divyanarmada.blogspot.com

6 टिप्‍पणियां:

  1. -कृष्ण कन्हैयासोमवार, जनवरी 11, 2010 10:14:00 pm

    kanhaiyakrishna@hotmail.com

    आदरणीय आचार्य जी,

    बहुत ही प्यारा बाल-गीत है

    बचपन की बातें याद आ गयी

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  2. आ. आचार्य जी ,

    बहुत सजह और प्यारा बाल-गीत है .

    - प्रतिभा.

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  3. आदरणीय आचार्य जी

    सुन्दर बाल कविता !

    सादर

    प्रताप

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  4. आदरणीय सलिल जी,

    अभी अभी यह कविता बिटिया को सुनाई है, मनु की जगह 'विशु' बोल के:)
    सो आपको डबल थेंक्स, दो-दो श्रोताओं की तरफ से :)

    बड़ी मनभावन कविता है !

    सोच रही थी कि मम्मी को कभी-कभी थोड़ा बवाल करना allowed होना चाहिए :) :)

    सादर शार्दुला :)

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  5. आदरणीय आचार्य जी

    सुन्दर बालगीत

    सादर

    अमित रचनाधर्मिता (http://amitabhald.blogspot.com)
    Mob: +919450408917

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  6. इं० अम्बरीष श्रीवास्तवसोमवार, जनवरी 11, 2010 11:18:00 pm

    आदरणीय आचार्य जी,

    सादर प्रणाम |

    बहुत प्यारा बाल गीत !

    आपको इसके लिए बहुत- बहुत बधाई !!

    प्यारी बिटिया मनु मिली, सरल दुलारी नेक.
    भोला उसका बालपन, खेले खेल अनेक..
    उससे साथी खेलते, चूहा चुहिया जीव
    बचपन चित्रित कर रहे, सरस सलिल संजीव..

    सादर नतमस्तक ,
    इं० अम्बरीष श्रीवास्तव

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