मंगलवार, 29 दिसंबर 2009

गीतिका: वक्त और हालात की बातें --संजीव 'सलिल'

गीतिका

संजीव 'सलिल'

वक्त और हालात की बातें
खालिस शह औ' मात की बातें..

दिलवर सुन ले दिल कहता है .
अनकहनी ज़ज्बात की बातें ..

मिलीं भरोसे को बदले में,
महज दगा-छल-घात की बातें..

दिन वह सुनने से भी डरता
होती हैं जो रात की बातें ..

क़द से बहार जब भी निकलो
मत भूलो औकात की बातें ..

खिदमत ख़ुद की कर लो पहले
तब सोचो खिदमात की बातें ..

'सलिल' मिले दीदार उसी को
जो करता है जात की बातें..
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3 टिप्‍पणियां:

  1. kanhaiyakrishna@hotmail.com

    आचार्य जी,

    छोटे बहर की बेहतरीन ग़ज़ल पढ़ने को मिली है.

    मेरी तरफ से बहुत -बहुत धन्यवाद स्वीकारें

    -कृष्ण कन्हैया

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