शुक्रवार, 25 दिसंबर 2009

'बड़ा दिन' संजीव 'सलिल'

'बड़ा दिन'


संजीव 'सलिल'


हम ऐसा कुछ काम कर सकें

हर दिन रहे बड़ा दिन अपना.

बनें सहायक नित्य किसी के-

पूरा करदें उसका सपना.....
*
केवल खुद के लिए न जीकर

कुछ पल औरों के हित जी लें.

कुछ अमृत दे बाँट, और खुद

कभी हलाहल थोडा पी लें.

बिना हलाहल पान किये, क्या

कोई शिवशंकर हो सकता?

बिना बहाए स्वेद धरा पर

क्या कोई फसलें बो सकता?

दिनकर को सब पूज रहे पर

किसने चाहा जलना-तपना?

हम ऐसा कुछ काम कर सकें

हर दिन रहे बड़ा दिन अपना.....
*
निज निष्ठा की सूली पर चढ़,

जो कुरीत से लड़े निरंतर,

तन पर कीलें ठुकवा ले पर-

न हो असत के सम्मुख नत-शिर.

करे क्षमा जो प्रतिघातों को

रख सद्भाव सदा निज मन में.

बिना स्वार्थ उपहार बाँटता-

फिरे नगर में, डगर- विजन में.

उस ईसा की, उस संता की-

'सलिल' सीख ले माला जपना.

हम ऐसा कुछ काम कर सकें

हर दिन रहे बड़ा दिन अपना.....
*
जब दाना चक्की में पिसता,

आटा बनता, क्षुधा मिटाता.

चक्की चले समय की प्रति पल

नादां पिसने से घबराता.

स्नेह-साधना कर निज प्रतिभा-

सूरज से कर जग उजियारा.

देश, धर्म, या जाति भूलकर

चमक गगन में बन ध्रुवतारा.

रख ऐसा आचरण बने जो,

सारी मानवता का नपना.

हम ऐसा कुछ काम कर सकें

हर दिन रहे बड़ा दिन अपना.....
*

(भारत में क्रिसमस को 'बड़ा दिन' कहा जाता है.)

http://divyanarmada.blogspot.com

19 टिप्‍पणियां:

  1. मौके विशेष पर उम्दा रचना.

    क्रिसमस एवं नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.

    सादर

    समीर लाल

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  2. अच्छा संकल्प |
    (भारत में क्रिसमस को 'बड़ा दिन' कहा जाता है.) - लेकिन होता है वह साल का सबसे कोटा दिन |

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  3. भारत मै सब काम उलटे क्यो होते है?

    छोटे दिन को बडा दिन कहना?

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  4. दादा!

    जब भारत में महाभारत हो सकता है, राष्ट्र में महारशात्र हो सकता है तो छोटे दिन को बड़ा दिन भी कहा ही जा सकता है.

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  5. आमीन !

    बड़े दिन के अवसर पर आपकी कामना बहुत हृदयग्राही और सामयिक है ।

    सभी की कामना इतनी ही सम्वेदनशील होनी चाहिये ।
    बहुत ही सुन्दर रचना । बधाई !

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  6. आपकी कविता पढकर मन प्रसन्न हो गया

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  7. धन्यवाद ! बहुत अच्छी लगी आपकी कविता .

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  8. धन्यवाद एवं शुभाकांक्षा | - योगेन्द्र जोशी

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  9. अति सुन्दर...

    आपको भी बड़े दिन की बहुत-बहुत मुबारकबाद

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  10. Sameer Lal : क्रिसमस एवं नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ.

    सादर

    http://udantashtari.blogspot.com

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  11. अच्छी रचना के लिए मेरी बधाई और शुभ कामना .

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  12. आपने कविता के माध्‍यम से त्‍यौहार के अनुरूप ही बढिया संदेश दिया ..

    क्रिसमस की शुभकामनाएं !!

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  13. ahutee@gmail.com
    आ० सलिल जी,
    बड़ा दिन (शायद मतलब क्रिसमस से होगा अन्यथा दिन का बड़ा होना तो चौदह जन० संक्रांति से आरम्भ होता है )
    पर आपकी उपदेशक कविता के लिये बधाई |

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  14. pratibha_saksena@yahoo.com

    आ, आचार्य जी ,
    बहुत प्रेरणा दायक और सार्थक कविता है और अंतर्निहित संदेश के कारण मूल्य समन्वित भी।
    आभारी हैं हमलोग .
    सादर ,
    प्रतिभा .

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  15. मिली आप सबसे सराहना,

    धन्य 'सलिल', आभार..

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  16. कुछ अमृत दे बाँट, और खुद

    कभी हलाहल थोडा पी लें.

    क्या बात है!

    सलिल साहब आप ही कह सकते हैं इसे इस

    सुन्दरता के साथ।

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  17. शकुन्तला बहादुररविवार, दिसंबर 27, 2009 11:41:00 pm

    shakunbahadur@yahoo.com

    आपकी सुन्दर भावना को नमन।

    शकुन्तला बहादुर

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  18. From: Abhinav Shukla

    shukla_abhinav@yahoo.com>

    ekavita@yahoogroups.com


    अद्भुत.. आपको बड़े दिन कि अनेक शुभकामनाएं.
    _______________________
    Abhinav Shukla
    206-694-3353

    जवाब देंहटाएं