दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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मंगलवार, 3 जुलाई 2018

सड़गोड़ासनी

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बुंदेली छंद: सड़गोड़ासनी  शुभ प्रभात  * सूरज नील गगन से झाँक  शुभ-प्रभात कहता है। * उषा-माथ सिंदूरी सूरज दिप्-दिप्-दिप् दहता है। * धूप ख...
शुक्रवार, 29 जून 2018

sadgodasani

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सड़गोड़ासनी: बुंदेली छंद, विधान: मुखड़ा १५-१६, ४ मात्रा पश्चात् गुरु लघु अनिवार्य, अंतरा १६-१२, मुखड़ा-अन्तरा सम तुकांत . * ज...
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