दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019

नवगीत जन चाहता

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द्विपदी  लब तरसते रहे आयीं न, चाय भिजवा दी आह दिल ने करी, लब दिलजले का जला. * नवगीत: संजीव . जन चाहता  बदले मिज़ाज  राजनीति का . भागे न श...
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