दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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गुरुवार, 1 अक्टूबर 2009

नव गीत: हम सब/माटी के पुतले है...

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नव गीत आचार्य संजीव 'सलिल' हम सब माटी के पुतले है... * कुछ पाया सोचा पौ बारा. फूल हर्ष से हुए गुबारा. चार कदम चल देख चतु...
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