दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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सोमवार, 27 जुलाई 2020

क्षणिका

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क्षणिकायें: १. आभार * आभार अर्थात आ भार. तभी कहें जब सकें स्वीकार * २. वरदान * ज़िन्दगी भरा चाहा किन्तु न पाया. अवसर मिला तो नाहक गँवाया. मन...
बुधवार, 24 जून 2015

Muktak: sanjiv

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मुक्तक: संजीव * रौशनी कब चराग करते हैं? वो न सीने में आग धरते हैं. तेल-बाती सदा जला करती- पूजकर पैर 'सलिल' तरते हैं. * मिले...
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