दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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गुरुवार, 23 जुलाई 2020

कविता : लज्जा - अवध प्रताप शरण

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एक रचना : लज्जा ***** अवध प्रताप शरण एक शाम खजुराहो की निर्वसना नारी से कर बैठा प्रश्न एक अनजान अनाड़ी, नारी का तो लज्जा ही भूषण ह...
सोमवार, 8 जनवरी 2018

doha

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दोहा दुनिया लज्जा या निर्लज्जता, है मानव का बोध समय तटस्थ सदा रहे, जैसे बाल अबोध
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