दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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मंगलवार, 9 मई 2017

ek rachna

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एक रचना * पत्नी ने तन-मन लुटा, किया तुझे स्वीकार. तू भी क्या उस पर कभी सब कुछ पाया वार? अगर नहीं तो यह बता, किसका कितना दोष? प्यार न क्...

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एक रचना * छिपी वाह में आह है, इससे बचना यार. जग-जीवन में लुटाना, बिना मोल नित प्यार. वह तो केवल बनाता, टूट रहे हम आप. अगर न टूटें तो कह...
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