दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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सोमवार, 7 मार्च 2022

मुण्डक उपनिषद काव्यानुवाद, नवगीत, शिशु गीत, तुम

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सॉनेट  होली • होली हो ली, फिर भी होली। श्वास-आस, रंग पिचकारी।। हरकत मत करना अनहोली।। अपने सपने की बलिहारी।। मंज़िल लगे राधिका प्यारी। टेर रह...

मुण्डक उपनिषद काव्यानुवाद

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मुण्डकोपनिषद १   परा सत्य अव्यक्त जो, अपरा वह जो व्यक्त।    ग्राह्य परा-अपरा, नहीं कहें किसी को त्यक्त।। परा पुरुष अपरा प्रकृति, दोनों भिन्न...
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