दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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गुरुवार, 4 मार्च 2021

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मुक्तक: फूल फूला तो तभी जब सलिल ने दी है नमी न तो माटी ने, न हवाओं ने ही रखी है कमी सारे गुलशन ने महककर सुबह अगवानी की सदा मुस्कान मिले, पास...
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