दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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बुधवार, 23 अगस्त 2017

shringar geet

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- स्मृति के वातायन से चाँद वसुधा पर उतारूँ... नीरज के बाद गीत-रचना के फ़लक पर बहुत कम सितारे चमकते नज़र आते हैं। उन्हीं कम सितारो...
शुक्रवार, 8 मई 2015

doha salila: sanjiv

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दोहा सलिला: संजीव, जेठ, महुआ, गर्मी, नीम,  * जेठ जेठ में हो रहे, गर्मी से बदहाल जेठी की हेठी हुई, थक हो रहीं निढाल * चढ़ा करेला नीम पर...
शनिवार, 4 अप्रैल 2009

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बुन्देली दोहे दयाराम गुप्त 'पथिक', ब्यौहारी, शहडोल मादल थापों से झरे, जब महुआ का रंग। झांके गोरी पैंजनी, झुकी-झुकी परत अनंग॥ लगत तुम...
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