दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

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रविवार, 27 जनवरी 2013

मुक्तिका: मचलते-मचलते संजीव 'सलिल'

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मुक्तिका: मचलते-मचलते संजीव 'सलिल' * ग़ज़ल गाएगा मन मचलते-मचलते.. बहल जाएगा दिल बहलते-बहलते.. न चूकेगा अवसर, न पायेगा मौक़ा. ठिठक जाएग...
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