दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

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बुधवार, 6 मई 2009

भजन: मिथिला में सजी बरात -स्व. शांतिदेवी

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मिथिला में सजी बरात मिथिला में सजी बरात, सखी! देखन चलिए... शंख मंजीरा तुरही बाजे, सजे गली घर द्वार। सखी! देखन चलिए... हाथी सज गए, घोड़ा सज गए...
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