दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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सोमवार, 18 फ़रवरी 2019

बासंती दोहा ग़ज़ल:

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बासंती दोहा ग़ज़ल: संजीव * स्वागत में ऋतुराज के, पुष्पित हैं कचनार किंशुक कुसुम दहक रहे, या दहके अंगार? * पर्ण-पर्ण पर छा गया, मादक रूप निखार...
बुधवार, 23 जनवरी 2019

doha gazal basant

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बासंती दोहा ग़ज़ल (मुक्तिका) संजीव 'सलिल' * स्वागत में ऋतु राज के, पुष्पित शत कचनार. किंशुक कुसुम विहँस रहे, या दहके अंगार.. ...
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