दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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बुधवार, 23 अगस्त 2017

tripadik geet

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अभिनव प्रयोग  जनकछन्दी (त्रिपदिक) गीत  * मेघ न बरसे राम रे!  जन-मन तरसे साँवरे! कब आएँ घन श्याम रे!! * प्राण न ले ले घाम अब झुलस रहा है चाम...
मंगलवार, 23 अगस्त 2016

janakchhndi geet

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अभिनव प्रयोग जनकछन्दी (त्रिपदिक) गीत * मेघ न बरसे राम रे! जन-मन तरसे साँवरे! कब आएँ घन श्याम रे!! * प्राण न ल...
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