दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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शुक्रवार, 8 मई 2009

दो गीतिकाएँ: -रमेश श्रीवास्तव 'चातक', सिवनी

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आम जनता के हक में सदा शूल रहे हैं। आज गाँधी के अनुयायी फल-फूल रहे हैं॥ सीधे-सादे पेड़ तो हर दिन हैं कट रहे। आरक्षितों में शूल और बबूल रहे है...
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