दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

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गुरुवार, 30 अप्रैल 2009

गज़ल: मनु बेतखल्लुस, दिल्ली.

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असर दिखला रहा है खूब, मुझ पे गुलबदन मेरा, उसी के रंग जैसा हो चला है, पैराहन मेरा। कोई मूरत कहीं देखी, वहीं सर झुक गया अपना मुझे काफ़िर कहो ब...
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