दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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शुक्रवार, 23 अप्रैल 2021

नवगीत

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नवगीत संजीव . अलस्सुबह बाँस बना ताज़ा अखबार. . फाँसी लगा किसान ने खबर बनाई खूब. पत्रकार-नेता गये चर्चाओं में डूब. जानेवाला गया है उनको तनिक न...
बुधवार, 14 जून 2017

muktak

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चंद मुक्तक * कलम  तलवार से ज्यादा, कहा सच वार करती है. जुबां नारी की लेकिन सबसे ज्यादा धार धरती है. महाभारत कराया ...
रविवार, 3 मई 2015

doha salila: sanjiv

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दोहा सलिला, अखबारी दोहे संजीव . कॉफी नाकाफी हुई, माफी दो सरकार ऊषा हाज़िर हो गयी, ले ताज़ा अखबार . चाय-पिलाऊँ प्रेम से, अपनेपन के साथ ...
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