दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

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गुरुवार, 10 अगस्त 2017

navgeet

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नवगीत: संजीव * मेरा नाम बताऊँ? हाऊ ना दैहौं तन्नक काऊ * बम भोले है अपनी जनता देती छप्पर फाड़ के. जो पाता व...
मंगलवार, 2 जून 2015

kundalini: sanjiv

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कुंडलिनी: अफसर आईएएस  हैं, सब कष्टों की खान नाच नचा मंत्रियों को, धमकाते भर कान धमकाते भर कान, न मानी बात हमारी तो हम रहें न साथ, खोल द...
मंगलवार, 21 अप्रैल 2009

एक दोहा दो दुम का... सलिल

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लोकतंत्र के देखिये, अजब-अनोखे रंग। नेता-अफसर चूसते, खून आदमी तंग॥ जंग करते हैं नकली। माल खाते हैं असली॥ ...
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