गणतंत्र दिवस पर विशेष गीत:
लोकतंत्र की वर्ष गांठ पर
संजीव 'सलिल'
*
लोकतंत्र की वर्ष गांठ पर
भारत माता का वंदन...
हम सब माता की संतानें,
नभ पर ध्वज फहराएंगे.
कोटि-कोटि कंठों से मिलकर
'जन गण मन' गुन्जायेंगे.
'झंडा ऊंचा रहे हमारा',
'वन्दे मातरम' गायेंगे.
वीर शहीदों के माथे पर
शोभित हो अक्षत-चन्दन...
नेता नहीं, नागरिक बनकर
करें देश का नव निर्माण.
लगन-परिश्रम, त्याग-समर्पण,
पत्थर में भी फूंकें प्राण.
खेत-कारखाने, मन-मन्दिर,
स्नेह भाव से हों संप्राण.
स्नेह-'सलिल' से मरुथल में भी
हरिया दें हम नन्दन वन...
दूर करेंगे भेद-भाव मिल,
सबको अवसर मिलें समान.
शीघ्र और सस्ता होगा अब
सतत न्याय का सच्चा दान.
जो भी दुश्मन है भारत का
पहुंचा देंगे उसे मसान.
सारी दुनिया लोहा मने
विश्व-शांति का हो मंचन...
***
लोकतंत्र की वर्ष गांठ पर
संजीव 'सलिल'
*
लोकतंत्र की वर्ष गांठ पर
भारत माता का वंदन...
हम सब माता की संतानें,
नभ पर ध्वज फहराएंगे.
कोटि-कोटि कंठों से मिलकर
'जन गण मन' गुन्जायेंगे.
'झंडा ऊंचा रहे हमारा',
'वन्दे मातरम' गायेंगे.
वीर शहीदों के माथे पर
शोभित हो अक्षत-चन्दन...
नेता नहीं, नागरिक बनकर
करें देश का नव निर्माण.
लगन-परिश्रम, त्याग-समर्पण,
पत्थर में भी फूंकें प्राण.
खेत-कारखाने, मन-मन्दिर,
स्नेह भाव से हों संप्राण.
स्नेह-'सलिल' से मरुथल में भी
हरिया दें हम नन्दन वन...
दूर करेंगे भेद-भाव मिल,
सबको अवसर मिलें समान.
शीघ्र और सस्ता होगा अब
सतत न्याय का सच्चा दान.
जो भी दुश्मन है भारत का
पहुंचा देंगे उसे मसान.
सारी दुनिया लोहा मने
विश्व-शांति का हो मंचन...
***
Mahipal Tomar द्वारा yahoogroups.com
जवाब देंहटाएंआचार्य 'सलिल' जी,
आपके 'जजबे' को सलाम,
आपकी कर्मठता को नमन,
आपकी कर्मशीलता है श्रेष्ठ,
बार बार बोले यही मेरा मन।
सादर ,शुभेक्षु ,
महिपाल , 26 जनवरी 2013
Akpathak akpathak317@yahoo.co.in
जवाब देंहटाएंAadarneey Salil ji
Bahut hi sundar geet rachaa hai aap ne...15 Aug n 26 jan ke avasar peh prabhat feri men school men gaayaa jaa sakta hai
Badhaayee
Saadar
Akpathak
BSNL Rajasthan,Jaipur
Mb 94133 95592
सदय हुए महिपाल तो, जगा 'सलिल' का भाग्य।
जवाब देंहटाएंकर प्रणाम तर जाएगा, रच रचना अनुराग्य।।
आत्मीय,
जवाब देंहटाएंकिसी रचना का इससे अच्छा प्रयोग नहीं हो सकता। आभारी हूँ आपका।
Naveen Singh
जवाब देंहटाएंMere desh ka loktantra mahan hai.
Jisne sabko jine ka,
abhivyakti ka,
samanta ka… haq diya.
Aao aise loktantra ka samman kare..
Aur apne adhikaro, kartavyo ka palan kare.
Aur apne gantantra ko celebrete kare.....Happy Republic Day
Dr.Prachi Singh
जवाब देंहटाएंआदरणीय संजीव जी ,
सादर प्रणाम !
दोनों गीत बहुत सुन्दर लिखे है.
नेता नहीं, नागरिक बनकर
करें देश का नव निर्माण.
लगन-परिश्रम, त्याग-समर्पण,
पत्थर में भी फूंकें प्राण...............यह पंक्तियाँ बहुत पसंद आयी.
हिंदी ही होगी जग-वाणी,
यह अपना संकल्प है.
'सलिल' योग्यता अवसर पाए,
दूजा नहीं विकल्प है.
सारी दुनिया कहे हर्ष से,
भारत स्वर्ग समान है..............यह पद भी अद्वितीय है, बहुत सुन्दर शब्द भाव कथ्य.
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं .
जय हिन्द !
Er. Ganesh Jee "Bagi"
जवाब देंहटाएं//जो भी दुश्मन है भारत का
पहुंचा देंगे उसे मसान.
सारी दुनिया लोहा माने
विश्व-शांति का हो मंचन...//
बहुत बढ़िया , सीधे दुश्मन को ललकार रही है यह रचना, लग रहा टंकण त्रुटि के कारण मने(माने) टंकित हो गया है, यदि अनुमति दे तो एडिट कर दूँ ।
लोकतंत्र की वर्ष गांठ पर भारत माता का वंदन... सारी दुनिया लोहा मने विश्व-शांति का हो मंचन... बहुत सुन्दर श्रेष्ठतम गीत, हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंआदरणीय संजीव सलिल जी
- kusumvir@gmail.com
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी देशभक्ति की कविता आ0 सलिल जी,
बधाई, सादर,
कुसुम वीर
Alpana Verma
जवाब देंहटाएंदेश का नवनिर्माण हो..और हिंदी जग वाणी बने...हम भी येही चाहते हैं.
आशाओं के तारों में बंधी देश प्रेम लिए सरल शब्दों में पिरोये हुए ये दोनों ही गीत बहुत अच्छे लगे.
धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंबने अल्पना सद्भावों की,
रांगोली हो देशप्रेम की.
चौक भाईचारे का पूरें-
मन्नत हो फिर कुशल क्षेम की.
संग तिरंगा मिल फहराएँ
ऐसे ही हम पर्व मनाएं.